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आफरा व पेटदर्द(Abdominal Pain)

Posted by Hari Om ~ Sunday 10 February 2013


आफरा व पेटदर्द(Abdominal Pain)

 पहला प्रयोगः पेट पर हींग लगाने तथा हींग की चने जितनी गोली को घी के साथ निगलने से आफरा मिटता है।
दूसरा प्रयोगः छाछ में जीरा एवं सेंधा नमक या काला नमक डालकर पीने से पेट नहीं फूलता।
तीसरा प्रयोगः 1 से 2 ग्राम काले नमक के साथ उतनी ही सोनामुखी खाने से वायु का गोला मिटता है।
चौथा प्रयोगः भोजन के पश्चात् पेट भारी होने पर 4-5 इलायची के दाने चबाकर ऊपर से नींबू का पानी पीने से पेट हल्का होता है।
पाँचवाँ प्रयोगः गर्म पानी के साथ सुबह-शाम 3 ग्राम त्रिफला चूर्ण लेने से पत्थर जैसा पेट मखमल जैसा नर्म हो जाता है।
छठा प्रयोगः अदरक एवं नींबू का रस 5-5 ग्राम एवं 3 काली मिर्च का पाउडर दिन में दो-तीन बार लेने से उदरशूल मिटता है।
सातवाँ प्रयोगः काली मिर्च के 10 दानों को गुड़ के साथ पकाकर खाने से लाभ होता है।
आठवाँ प्रयोगः प्रातःकाल एक गिलास पानी में 20-25 ग्राम पुदीने का रस व 20-25 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस की बीमारी में विशेष लाभ होता है।
नौवाँ प्रयोगः पेट में दर्द रहता हो व आँतें ऊपर की ओर आ गई है ऐसा आभास होता हो तो पेट पर अरण्डी का तेल लगाकर आक के पत्ते को थोड़ा गर्म करके बाँध दें। एक घंटे तक बँधा रहने दें। रात को एक चम्मच अरण्डी का तेल व एक चम्मच शिवा का चूर्ण लें। गोमूत्र का सेवन हितकर है। पचने में भारी हो ऐसी वस्तुएँ न खायें।
दसवाँ प्रयोगः वायु के प्रकोप के कारण पेट के फूलने एवं अपानवायु के न निकलने के कारण पेट का तनाव बढ़ जाता है। जिससे बहुत पीड़ा होती है एवं चलना भी मुश्किल हो जाता है। अजवायन एवं काला नमक को समान मात्रा में मिलाकर इस मिश्रण को गर्म पानी के साथ एक चम्मच लेने से उपरोक्त पीड़ा में लाभ होता है।















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