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आंतरिक गर्मी(Internal heat)

Posted by Hari Om ~ Tuesday 19 February 2013


आंतरिक गर्मी(Internal heat)

पहला प्रयोगः नीम के पत्तों का 20 से 50 मि.ली. रस 5 से 20 ग्राम मिश्री मिलाकर सात दिन पीने से गर्मी मिटती है।

दूसरा प्रयोगः आम की अंतरछाल, गूलर की जड़ की छाल और बड़ के अंकुरों का 10 से 40 मि.ली. रस निकालकर उसमें 1 से 2 ग्राम जीरा और 5 से 20 ग्राम मिश्री डालकर पीने से सब प्रकार की गर्मी मिटती है।

तीसरा प्रयोगः सौंफ, जीरा एवं मिश्री रात को भिगोकर सुबह छानकर खाली पेट पीने से शरीर की गर्मी दूर होती है।

चौथा प्रयोगः नींबू के रस में मिश्री डालकर शरबत पीने से भी गर्मी में राहत होती है।

पाँचवाँ प्रयोगः कच्चे आम के छिलके उतारकर उसे पानी में उबाल लें। तत्पश्चात् उसके गूदे को ठंडे पानी में मसल-मसलकर रस बना लें व नमक, जीरा, शक्कर आदि स्वादानुसार मिलाकर पीने से गर्मी में लाभ होता है।

छठा प्रयोगः गन्ने को चूसकर नियमित सेवन करने से पेट की गर्मी व हृदय की जलन दूर होती है।

सातवाँ प्रयोगः गर्मियों में सिरदर्द हो, लू लग जाये, आँखें लाल हो जायें तब अनार का शरबत गुणकारी सिद्ध होता है।




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