सिरदर्द(Headache)
सिरदर्द(Headache)
पहला प्रयोगः घोड़ावज या वायसर (ईश्वर बेल की जड़) का लेप सिर पर लगाने से अथवा नाक में सरसों के तेल की बूँदे टपकाने से सिरदर्द में लाभ होता है।
दूसरा प्रयोगः लहसुन की 1 से 5 कलियों को 1 ग्राम नमक के साथ पीसकर भोजन के साथ सेवन करने से वात्तिक सिरदर्द में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः जब सिरदर्द सता रहा हो तब ध्यानमुद्रा में शांत होकर बैठ जायें अथवा दोनों हाथों की कोहनियों के 1-1 सेन्टीमीटर ऊपर केवल सात मिनट के लिए कसकर रूमाल बाँध दें। इससे सिरदर्द में आराम मिलेगा।
चौथा प्रयोगः गर्मी के कारण सिरदर्द होता हो तो धनिया पीसकर सिर पर लगायें।
पाँचवाँ प्रयोगः जिसका सिर बहुत दुःखता हो वह दाँतों से जीभ को थोड़ा बाहर निकाल कर तर्जनी उँगली(अँगूठे के पास वाली) को अँगूठे से दबाकर '0' बनाये। ऐसा दिन में तीन बार 2-2 मिनट तक करें। इससे अनेक प्रकार के दर्द मिट जाते हैं।
छठा प्रयोगः प्रतिदिन भोजन करने के बाद सिर में कंघी करने से सिर की पीड़ा दूर हो जाती है।
सिरदर्द के तीन मुख्य कारण होते हैं- जुकाम, कब्जियत और पित्तप्रकोप। इन्हें दूर किये बिना सिरदर्द नहीं मिटता।
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सर्दी का सिरदर्द
पहला प्रयोगः सिर तथा नाक में कफ भर जाने पर काली मिर्च के बारीक पाउडर को नास की तरह लेने से कफ निकलकर छींक आकर सिर हल्का हो जायेगा।
दूसरा प्रयोगः आधा तोला नौसादर तथा दो आनी भार (1.5 ग्राम) कपूर को पीसकर सूँघने से सिर की तीव्र पीड़ा मिटती है।
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आधासीसी (Migraine)
पहला प्रयोगः सूर्योदय से पूर्व नारियल एवं गुड़ के साथ छोटे चने बराबर मात्रा में कपूर मिलाकर तीन दिन खाने से आधासीसी का दर्द मिटता है।
दूसरा प्रयोगः पीपर (पाखर) एवं वच का आधा-आधा ग्राम चूर्ण मिलाकर शहद के साथ चाटने से आधासीसी (आधे सिर का दर्द) में लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः गाय का शुद्ध ताजा घी सुबह-शाम 2-2 बूँद नाक में डालने से दर्द में लाभ होता है।
चौथा प्रयोगः दही, चावल व मिश्री मिलाकर सूर्योदय से पहले खाने से सूर्योदय के साथ बढ़ने-घटने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है। यह प्रयोग कम-से-कम छः दिन करें।
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