अदरक(Ginger)
अदरक(Ginger)
अदरक रूखा, तीखा, उष्ण-तीक्ष्ण होने के कारण कफ तथा वात का नाश करता है, पित्त को बढ़ाता है। इसका अधिक सेवन रक्त की पुष्टि करता है। यह उत्तम आमपाचक है। भारतवासियों को यह सात्म्य होने के कारण भोजन में रूचि बढ़ाने के लिए इसका सार्वजनिक उपयोग किया जाता है। आम से उत्पन्न होने वाले अजीर्ण, अफरा, शूल, उलटी आदि में तथा कफजन्य सर्दी-खाँसी में अदरक बहुत उपयोगी है।
सावधानीः रक्तपित्त, उच्च रक्तचाप, अल्सर, रक्तस्राव व कोढ़ में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए। अदरक साक्षात अग्निरूप है। इसलिए इसे कभी फ्रिज में नहीं रखना चाहिए ऐसा करने से इसका अग्नितत्त्व नष्ट हो जाता है।
औषधि-प्रयोगः
उदर रोग, श्वास के रोगः 100 ग्राम अदरक की चटनी बनायें व 100 ग्राम घी में इस चटनी को सेंके। जब वह लाल हो जाये तब उसमें 200 ग्राम गुड़ डालकर हलवे जैसा गाढ़ा अवलेह बनायें। इसमें केसर, इलायची, जायफल, जायपत्री, लौंग मिलायें। यह अवलेह रोज सुबह-शाम 10-10 ग्राम खाने से जठरा का मंद होना, आमवृद्धि, अरुचि व श्वास, खाँसी व जुकाम में राहत मिलती है।
उलटीः अदरक व प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर 3-3 घंटे के अंतर से 1-1 चम्मच लेने से अथवा अदरक के रस में मिश्री में मिलाकर पीने से उलटी होना व जौ मिचलाना बन्द होता है।
हृदयरोगः अदरक के रस व पानी समभाग मिलाकर पीने से हृदयरोग में लाभ होता है।
मंदाग्निः अदरक के रस में नींबू व सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से जठराग्नि तीव्र होती है।
उदरशूलः 5 ग्राम अदरक, 5 ग्राम पुदीने के रस में थोड़ा-सा सेंधा नमक डालक पीने से उदरशूल मिटता है।
शीतज्वरः अदरक व पुदीने का काढ़ा देने से पसीना आकर ज्वर उतर जाता है। शीतज्वर में लाभप्रद है।
पेट की गैसः आधा-चम्मच अदरक के रस में हींग और काला नमक मिलाकर खाने से गैस की तकलीफ दूर होती है।
सर्दी-खाँसीः 20 ग्राम अदरक का रस 2 चम्मच शहद के साथ सुबह शाम लें। वात-कफ प्रकृतिवाले के लिए अदरक व पुदीना विशेष लाभदायक है।
खाँसी एवं श्वास के रोगः अदरक और तुलसी के रस में शहद मिलाकर लें।
बहुमूत्रताः 20 ग्राम अदरक के रस में 5-10 ग्राम मिश्री लाकर भोजन से पहले लेने से बहुमूत्रता में लाभ होता है।
सर्वांगशोधः अदरक के रस के साथ पुराना गुड़ लेने से शरीरस्थ सूजन मिटती है।
शरीर ठंडा पड़ने परः दोष-प्रकोप से आये हुए बुखार या ठंड लगने से शरीर ठंडा पड़ गया हो तो अदरक के रस में उसका चौथाई लहसुन का रस मिलाकर पूरे शरीर पर घिसने से पूरे शरीर में गर्मी आ जाती है जिससे प्राण बच जाते हैं।
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