स्मृतिवर्धक प्राणायम
स्मृतिवर्धक प्राणायम
बायें पैर की एडी गुदा द्वार पे रख दें | जैसे सिद्ध आसन में बैठते है | दायने पाँव की एडी बायें पैर की जांघो पर लगा दें और ठोडी छाती के तरफ कर दें | इसको जालंदर बंद बोलते है | इससे स्मृति गजब की बढती है |आँखे बंद कर दे ... गहरा श्वास लें .... उसको रेचक बोलते है | फिर रोके ... उसको कुंभक बोलते है और फिर पहले तो श्वास लें ...छोड़े ... छोड़ना रेचक है... लेना पूरक है ... रोकना कुंभक है | तो रेचक, कुंभक, पूरक, कुंभक, रेचक अभ्यास करें और ये अभ्यास १५ – २० – २५ - ३० मिनट... एक घंटे तक बढ़ा सकते है आप | गजब की स्मृति बढ़ेगी और तन के कई रोग भी मिटेंगे और मानसिक तनाव भाग जायेगें |
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