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तिल का तेल(Sesame oil)

Posted by Hari Om ~ Wednesday 23 January 2013

तिल का तेल(Sesame oil)

तेल वायु के रोगों को मिटाता है, परंतु तिल का तेल विशेष रूप से वितघ्न है।
यह तेल अपनी स्निग्धता, कोमलता और पतलेपन के कारण शरीर के समस्त स्त्रोतों में प्रवेश धीरे-धीरे मेद का क्षय कर दोषों को उखाड़ फेंकता है। तिल का तेल अन्य तेलों की अपेक्षा श्रेष्ठ है। महर्षि चरक तिल के तेल को बलवर्धक, त्वचा के लिए हितकर, गर्म एवं स्थिरता देने वाला मानते हैं।
औषधि-प्रयोगः
दाँत हिलना व पायरियाः तिल का तेल 10 मिनट तक मुँह में रखने से हिलते हुए दाँत भी मजबूत हो जाते हैं और पायरिया मिटता है।
मोटापा, खाज-खुजलीः तिल के गुनगुने तेल से एक माह तक शरीर पर मालिश करने से त्वचा में निखार आ जाता है, मेद (चर्बी) कम हो जाता है और खाज-खुजली मिट जाती है।
एड़ियाँ फटने परः मोम और सेंधा नमक मिला हुआ तिल का तेल पैरों की एड़ी पर लगाने से वे मुलायम हो जाती हैं।
कुत्ता काटने परः पागल कुत्ते ने काटा हो तो मरीज को तिल का तेल, कूटा हुआ तिल, गुड़ और आँकड़े का दूध समभाग करके पिलाने से फायदे होता है।
जलने परः जले हुए भाग पर गर्म किया हुआ तिल का तेल लगाने से भी चमत्कारिक लाभ होता है।
घाव परः तिल के तेल में भिगोया हुआ पट्टा बाँधने से व्रण (घाव) का शोधन व रोपण होता है।







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