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चन्द्रभेदी प्राणायाम( chandra bhedana pranayama)

Posted by Hari Om ~ Saturday 19 January 2013




लाभः इससे चन्द्र नाड़ी क्रियाशील हो जाती है। शरीर के समस्त नाड़ी  मंडल में शीतलता का संचार होता है।
उच्च रक्तचाप वालों के लिए यह लाभदायी है।
यह प्राणायाम 5 बार नियमित करने से पित्तप्रकोप शांत होता है। आँखों की जलन, नाक से खून बहना आदि रोगों में लाभदायक है।
मन शांत हो जाता है। शरीर की थकान दूर होती है।


विधिः यह सूर्यभेदी से ठीक विपरीत है। इसमें बायें नथुने से श्वास लेकर भीतर ही कुछ समय रोकें। बाद में दाहिने नथुने से धीरे-धीरे श्वास छोड़ दें। इस प्रकार 3 से 5 बार प्राणायाम करें।


सावधानीः सर्दियों में तथा कफ प्रकृतिवालों के लिए यह हितकर नहीं है। निम्न रक्तचापवालों के लिए भी यह प्राणायाम निषिद्ध है।
(आसन-प्राणायाम आदि किसी अनुभवी के मार्गदर्शन में सीखें।)




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