पथरी (Kidney Stone)
पथरी (Kidney Stone)
पहला प्रयोगः पानफुटी के पत्तों का 20 ग्राम रस अथवा सहजने की जड़ का 20 से 50 मि.ली. काढ़ा या मुनक्के (काली द्राक्ष) के 50 मि.ली. काढ़े का सेवन पथरी में लाभदायक है।
दूसरा प्रयोगः गोखरू के बीजों का पाव तोला (3 ग्राम) चूर्ण भेड़ के दूध के साथ सात दिन पीने से लाभ होता है।
तीसरा प्रयोगः आश्रम में उपलब्ध कालीबूटी भोजन से आधा घण्टा पूर्व और बाद में एक ग्राम मात्रा में पानी के साथ लेने से व कटिपिंडमर्दनासन करने से पथरी टुकड़े-टुकड़े होकर निकल जाती है।
चौथा प्रयोगः नींबू के रस में सेंधा नमक मिलाकर कुछ दिन तक नियमितरूप से पीने से पथरी पिघल जाती है।
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