बाल के रोग(Hair Disease)
बाल के रोग(Hair Disease)
पहला प्रयोगः 250 ग्राम छाछ में 10 ग्राम गुड़ डालकर सिर धोने से अथवा नींबू का रस लगाकर सिर धोने से रूसी दूर होती है।
दूसरा प्रयोगः आधी कटोरी दही में दो चम्मच बेसन मिलाकर बालों की जड़ में लेप करें। 20 मिनट बाद सिर धो लें। रूसी दूर होकर बाल चमक उठेंगे।
बाल झड़ने पर
प्रथम प्रयोगः मुलहठी के चूर्ण को भांगरे के रस में पीसकर लेप करने से अथवा सुखाये हुए आँवलों के चूर्ण को नींबू के रस में मिलाकर लेप करने से बाल झड़ना बंद होकर बाल काले होते हैं।
दूसरा प्रयोगः आवश्यकता से अधिक भावनात्मक दबाव के कारण बाल अधिक गिरते हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन हारमोन की कमी के कारण बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व व आयोडीन की कमी से भी बाल असमय गिरते हैं।
दही में सभी तत्त्व होते हैं जिनकी बालों को आवश्यकता रहती है। एक कप दही में पिसी हुई 8-10 काली मिर्च मिलाकर सिर धोने से सफाई अच्छी होती है। बाल मुलायम व काले रहते हैं एवं गिरने बन्द हो जाते हैं। कम-से-कम सप्ताह में एक बार इसी तरह बाल धोयें।
गंजापन
पहला प्रयोगः गुंजा, हाथीदाँत की राख और रसवंती प्रत्येक 2 से 10 ग्राम का लेप करने से जिस जगह के बाल निकले होंगे वहाँ वापस उग जायेंगे।
दूसरा प्रयोगः दही एवं नमक समान मात्रा में मिलाकर जहाँ-जहाँ गंजापन आ गया हो वहाँ रोज रात्रि को चार-पाँच मिनट मालिश करने से लाभ होता है।
बाल सफेद होने पर
पहला प्रयोगः निबौली का तेल दो महीने तक लगाने एवं नाक में डालने से अथवा तुलसीके 10 से 20 ग्राम पत्तों के साथ उतने ही सूखे आँवले को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर लगाने से बाल काले होते हैं।
दूसरा प्रयोगः लोहभस्म, भांगरा, त्रिफला एवं काली मिट्टी – इन सबको एक महीने तक गन्ने के रस में रखकर लेप करने से, रोज रात्रि को बालों में गाय का घी लगाकर पैर के तलुए में गाय का घी काँसे की कटोरी से थोड़ी देर घिसने से तथा हाथ की आठों उँगलियों के नाखूनों को परस्पर एक-दूसरे से दो-तीन मिनट घिसने से सफेद बाल काले होते हैं।
तीसरा प्रयोगः अल्पायु में सफेद बालों के लिए हाथी दाँत, आँवला एवं भृंगराज का तेल बनाकर सिर में डालें। घी गरम करके उसकी कुछ बूँदें नाक में टपकायें तथा दिन में दो बार त्रिफलाचूर्ण यष्टिचूर्ण के साथ लें। भोजन के बाद एक गिलास कुनकुने पानी में एक चम्मच घी डालकर पीयें तथा सर्वांगासन व जलनेति करें।
बाल बढ़ाने के लिए
पहला प्रयोगः स्नान के समय तिल के पत्तों का रस लगाने से, मुलहठी, आँवला या भृंगराज का तेल लगाने से, करेले की जड़ अथवा मेथी को पानी में घिसकर लगाने से, निबौली का तेल लगाने से बाल बढ़ते हैं।
दूसरा प्रयोगः बड़ की पुरानी जटाओं को नींबू के रस में घिसकर अच्छे से लेप करें। आधे घण्टे पश्चात् बाल धो डालें। फिर नारियल का तेल लगायें। ऐसा तीन दिन करने से बालों का झड़ना बंद होता है। बाल लंबे, काले तथा मजबूत होते हैं।
सिर में जूँ एवं लीख
पहला प्रयोगः निबौली, सरसों अथवा माजूफल का तेल लगाने से अथवा अरीठे का फेन लगाने से जूँ और लीखें मर जाती हैं।
दूसरा प्रयोगः तुलसी के पत्ते पीसकर सिर पर लगा लें। तदुपरांत सिर पर कपड़ा बाँध लें। सारी जुएँ मरकर कपड़े से चिपक जाएँगी। दो-तीन बार लगाने से ही सारी जुएँ साफ हो जायेंगी।
बालों की मुलायमता
गोमूत्र सिर में लगाकर थोड़ी देर पश्चात् धो डालने से तथा सरसों के तेल की मालिश करने से बाल मुलायम होते हैं।
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