LATEST NEWS

बीमारी की अवस्था में भी परम स्वास्थ्य

Posted by Hari Om ~ Sunday, 17 February 2013


बीमारी की अवस्था में भी परम स्वास्थ्य

तन मन की अस्वस्थ्ता के समय भी आप दिव्य विचार करके लाभान्वित हो सकते हैं। आपके शरीर को रोग ने घेर लिया हो, आप बिस्तर पर पड़े हों अथवा आपको कोई शारीरिक पीड़ा सताती हो तो इन विचारों को अवश्य दुहराना। इन विचारों को अपने विचार बनाना। अवश्य लाभ होगा।
ऐसे समय में अपने-आप से पूछो, रोग या पीड़ा किसे हुई है?
शरीर को हुई है। शरीर पंचभूतों का है। इसमें तो परिवर्तन होता ही रहता है। रोग के कारण, दबी हुई अशुद्धि बाहर निकल रही है अथवा इस देह में जो मेरी ममता है उसको दूर करने का सुअवसर आया है। पीड़ा इस पंचभौतिक शरीर को हो रही है, दुर्बल तन मन हुए हैं। इनकी दुर्बलता को, इनकी पीड़ा को जानने वाला मैं इनसे पृथक हूँ। प्रकृति के इस शरीर की रक्षा अथवा इसमें परिवर्तन प्रकृति ही करती है। मैं परिवर्तन से निर्लेप हूँ। मैं प्रभु का, प्रभु मेरे। मैं चैतन्य आत्मा हूँ, परिवर्तन प्रकृति में है। मैं प्रकृति का भी साक्षी हूँ। शरीर की आरोग्यता, रूग्णता या मायावस्था – सबको देखने वाला हूँ।
ॐ....ॐ....ॐ.... का पावन रटन करके अपनी महिमा में, अपनी आत्मबुद्धि में जाग जाओ।
अरे भैया ! चिन्ता किस बात की ? क्या तुम्हारा कोई नियंता नहीं है? हजारों तन बदलने पर, हजारों मन के भाव बदलने पर भी सदियों से तुम्हारे साथ रहने वाला परमात्मा, द्रष्टा, साक्षी, वह अबदल आत्मा क्या तुम्हारा रक्षक नहीं है?
क्या पता, इस रुग्णावस्था से भी कुछ नया अनुभव मिलने वाला हो, शरीर की अहंता और सम्बन्धों की ममता तोड़ने के लिए तुम्हारे प्यारे प्रभु ने ही यह स्थिति पैदा की हो तो? तू घबड़ा मत, चिन्ता मत कर बल्कि तेरी मर्जी पूर्ण हो..... का भाव रख। यह शरीर प्रकृति का है, पंचभूतों का है। मन और मन के विचार एवं तन के सम्बन्ध स्वप्नमात्र हैं। उन्हें बीतने दो, भैया ! ॐ शांति....ॐ शांति....ॐ....ॐ....
इस प्रकार के विचार करके रुग्नावस्था का पूरा सदुपयोग करें, आपको खूब लाभ होगा। खान पान में सावधानी बरतें, पथ्य अपथ्य का ध्यान रखें, निद्रा-जागरण-विहार का ख्याल रखें और उपरोक्त प्रयोग करें तो आप शीघ्र स्वस्थ हो जायेंगे।
परम पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू

फलों के प्रयोग में सावधानीः फल मरीजों के लिए हितकारी नहीं हैं। केला और अमरूद तो मरीजों के हित के बदले अहित ज्यादा करते हैं। खूब कफ बढ़ाते हैं। अनार व अंगूर के सिवाय दूसरे फल मरीजों को वैद्य से पूछकर ही खाने चाहिए।




Categories
Tags

Related Posts

No comments:

Leave a Reply

Labels

Advertisement
Advertisement

teaser

teaser

mediabar

Páginas

Powered by Blogger.

Link list 3

Blog Archive

Archives

Followers

Blog Archive

Search This Blog