अच्युताय सितोपलादि चूर्ण(Achyutaya Sitopladi Churna)
अच्युताय सितोपलादि चूर्ण(Achyutaya Sitopladi Churna)
उपयोग : यह चूर्ण क्षय, खाँसी, जीर्णज्वर,
धातुगतज्वर, मंदाग्नि, अरुचि, प्रमेय, छाती
में जलन, पित्त विकार, खाँसी में कफ के
साथ खून आना,बालको की निर्बलता,
रात्री में ज्वर आना, नेत्र में उष्णता तथा
गले में जलन आदि विकारों को दूर करता
है । सगर्भा स्त्रियों को ३-४ मास तक सेवन
करने से गर्भ पुष्ट और तेजस्वी बनता है
मात्रा : २ से ४ ग्राम दिन में २ बार शहद
के साथ ले
(1)Product Name :- Sitopladi Churna
(2)Quantity :- 50 g.
(3)Direction For Use :- 2 to 4 g. powder once or twice a day on empty stomach with honey ( Dose depends upon age, weight & illness of the individuals). OR as directed by physician.
(4)Benefits :- It acts as a mucolytic expectorant thereby useful in productive cough, dry cough, rhinorrhoea, sinusitis, asthma, bronchitis, haemoptysis, T.B.(kshay),
It increases apetite thereby useful in long standing low grade fever, anorexia etc.
(5)Main Ingredients :- Bambusa arundinaceae(Pure vanslochan), Piper longum(pipar), Cinnamomum zeylanicum(dalchini) etc.
Categories
1.AP,
अरुचि (anorexia),
आंख(eye),
क्षय रोग (Tuberculosis),
खांसी(cough),
चूर्ण(Churna),
ज्वर (Fever),
पित्त(Bile)
Tags
No comments: