अच्युताय बल्य रसायन (Achyutaya Balya Rasayana)
अच्युताय बल्य रसायन (Achyutaya Balya Rasayana)
इसके नियमित सेवन से शरीर की सभी धातुओं का पोषण होकर शरीर सुदृढ़ बनता है एवं शरीर स्वस्थ व तंदुरस्त रहता है | यह मांस-पेशी, अस्थियाँ एवं स्नायुओं की दुर्बलता दूर करके उनका बल बढाता है | कृश एवं दुर्बल रोगियों का वजन एवं बल बढाकर शरीर को मजबूत बनाता है |
यह बुद्धिशक्ति एवं स्मृतिशक्ति बढाकर मानसिक क्षमता को बढाता है | मन में उत्साह, स्फूर्ति, आत्मविश्वास आदि गुणों का विकास करके विभिन्न प्रकार के मानसिक रोगों से रक्षा करता है |
यह शारीरिक-मानसिक दुर्बलता, स्वप्नदोष, पेशाब के साथ धातु जाना, वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, शुक्राणु की कमी, समय पूर्व की वृद्धावस्था, खून की कमी एवं कमर दर्द आदि रोगों में भी लाभदायी है | यह शुक्राणुओं की वृद्धि करता है, अत: जिन पुरुषों में शुक्राणु की कमी (Oligospermia) के कारण संतान न होती हो उनके लिए भी अत्याधिक लाभप्रद है |
यह रोगप्रतिकारक शक्ति बढाकर विभिन्न प्रकार के शारीरिक-मानसिक रोग एवं ऋतुपरिवर्तन जन्य रोगों से रक्षा करता है ||
सेवनविधि – 1 ग्लास दूध में 1 चम्मच शुद्ध घी तथा 5 ग्राम (1 चम्मच) बल्य रसायन चूर्ण मिलाकर रात को सोते समय (भोजन के डेढ़-दो घंटे बाद) लें |
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